जैन धर्म का अधार बिंदु अहिंसा है । यह मन , वचन , कर्म से न की जाने वाली अहिंसा है । इसका सार है जियो और जीने दो। अहिंसा पंच महाव्रतों में प्रमुख है ।
चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 29 वर्ष की अवस्था में 629 में अपनी विश्व यात्रा प्रारंभ की थी । इसके फलस्वरूप वह ताशकंद समरकंद होता हुआ 630 में भारत पहुंचा था । 635 से 643 ई. तक वह हर्ष के दरबार में रहा था । 645 में चीन वापस जाने से पहले उसने भारत में तमाम प्रदेशों की यात्रा संपन्न की थी ।
जैन धर्म में कर्मवाद एवं पुनर्जन्म को स्वीकार किया जाता है क्योंकि कर्मों का फल भोगना होता है। इसके लिए पुनर्जन्म होता है। लेकिन बुद्ध कर्मवाद को स्वीकार करते हुए भी पुनर्जन्म की बात नहीं करते।
सिंधुवासी संगमरमर के अलावा सेलखड़ी , ताँबा भी राजस्थान से आयात करते थे ।
संगम शब्द का अर्थ है – संघ , परिषद् , गोष्ठी अथवा संस्थान । वास्तव में संगम तमिल कवियों , विद्वानों , आचार्यों ज्योतिष्यिों एवं बुद्धिजीवियों की एक परिषद् थी । तमिल भाषा में लिखे गए प्राचीन साहित्य को संगम साहित्य कहा जाता था ।
पंजाब
चेदि महाजनपद बुंदेलखण्ड का पूर्वी भाग था । शक्तिमती ( सोत्थिवती ) चेदि महाजनपद की राजधानी थी । महाभारत काल में यहां का शासक शिशुपाल था ।
राज्य के खर्च पर हज की व्यवस्था करने वाला पहला भारतीय शासक फिरोज तुगलक था । उसने अनेक जन कल्याणकारी कार्यों को संपन्न किया, उसने ‘दारुल-शफा’ नामक एक खैराती अस्पताल की स्थापना भी की और उसमें कुशल हकीम रखे ।